pahle padai or uske bad mauj masti मेरा नाम सुमित है और मेरी उम्र छबीस वर्ष है। मेरा कद 5 फीट 9 इंच और मेरा रंग गोरा है। देखने में बहुत स्मार्ट हूँ क्योंकि जिम में जाने की वजह से मेरा शरीर भी एकदम गठीला हो गया है। मेरे डोले 16 इंच के है और छाती 42 इंच की है। इतनी जानकारी से मेरे व्यक्तित्व एवं शख़्सियत का अंदाजा तो अब आप खुद ही लगा सकते हैं।
मेरी दीदी शिप्रा और पड़ोसन सोनिया द्वारा मेरी वर्षगाँठ और उसके बाद के दस दिन तक तोहफे में मुझे बहुत सेक्स दिया। दस दिनों के बाद दीदी तो अपने घर भीलवाड़ा चली गई और मेरे साथ सेक्स करने के लिए सिर्फ सोनिया ही रह गई थी!
सोनिया और मैं लगभग अगले डेढ़ वर्ष तक जब भी हमें मौका मिलता था हम सेक्स करते थे और एक दूसरे को संतुष्ट करके दोनों बहुत ही खुश थे! उन दिनों जब भी सोनिया के पति किसी काम से शहर से बाहर जाते थे तब मैंने पूरी रात उसके ही घर में ही सोता था और उसे खूब चोदता था!
ऐसी ही एक रात को जब सोनिया के पति तीन दिनों के लिए शहर से बाहर गया हुआ था तब उसके घर में मेरे साथ सेक्स करते हुए उसने बताया कि उसके पति का स्थानान्तरण अजमेर में हो गया था और वह कुछ ही दिनों में जयपुर से अजमेर चली जायेगी।
उस रात के बाद अगले पन्द्रह दिन तक सोनिया ने हर रोज़ पति के जाने के बाद दिन के समय या फिर शाम को उनके वापिस आने से पहले मेरे साथ सेक्स ज़रूर करती थी। अजमेर जाने से पहले वह मुझे अपन पता भी दे गई थी और कह गई थी कि जब भी उसके पति शहर से बाहर जायेंगे वह मुझे फ़ोन कर के बुला लेगी लेकिन अफ़सोस आज तक उसका फोन नहीं आया है।
सोनिया के जाने के बाद अगले छह माह तक मैं बिल्कुल अकेला ही रहा और अपना हाथ जगन्नाथ के सहारे अपनी इच्छाएँ एवं ज़रूरतें पूरी करता था। बीच बीच में तीन-चार दिनों के लिए जब भी शिप्रा आती थी तब वह अपने वादा निभाती थी और उन तीन या चार दिन एवं रातों में अनेक बार मेरी वासना की संतुष्टि करती थी।
पुरानी बीती बातों में उलझा कर मैं आपका अधिक समय बर्बाद नहीं करते हुए आपको उस घटना का विवरण बताना चाहूँगा जो मेरे साथ तीन वर्ष पहले घटी थी।
तब मैं अपने पड़ोस में रहने वाली अपनी शिष्या रिया के साथ सेक्स किया था, उस घटना के समय रिया की उम्र 19 वर्ष थी और वह शाम सात बजे से आठ बजे के बीच में मुझसे विज्ञान पढ़ने के लिए मेरे घर पर आती थी।
रिया की सुन्दरता और शरीर के बारे में कुछ भी कहने के लिए तो मेरे पास शब्द ही नहीं हैं, वह तो एक अप्सरा थी जिसके शरीर का पैमाना था 36-26-36 और जब वह चलती है तो मानो क़यामत आ जाती है। उसका रंग गोरा और चेहरा अंडाकार है तथा नैन नक्श बहुत ही तीखे हैं! ऐसा लगता है कि वह किसी प्रख्यात मूर्तिकार की एक उत्कृष्ट रचना है।
रिया एक उच्च-माध्यमिक स्कूल मैं 10+2 के अंतिम वर्ष में पढ़ती थी और प्रथम तिमाही परीक्षा में विज्ञान के विषये में उसके अंक कम आने के कारण वह बहुत ही चिंतित रहती थी।
उसने अपनी चिंता को अपनी माँ के द्वारा मेरी माँ के साथ साझा करी और मेरी माँ से अनुरोध किया कि वह मुझे कह कर रिया को विज्ञान के विषय में पढ़ा दिया करूँ!
माँ ने रिया की माँ की बात सुन कर उन्हें आश्वासन दे कर भेज दिया और सांझ के मेरे से इस बारे में सारी बात बताई! जब माँ ने मुझ पर रिया को पढ़ाने के लिए दबाव डाला तब मुझे उनकी आज्ञा माननी पड़ी और मैंने उनसे कह दिया कि शाम को ऑफिस से वापिस आने के बाद सात बजे से आठ बजे के बीच में ही उसे पढ़ा पाऊंगा।
अगले दिन से माँ के बताये समय पर रिया हमारे घर आई तो माँ उसे लेकर उपरी मंजिल में मेरे कमरे में ले कर आई और मुझसे परिचय कराया।
माँ के जाने के बाद मैंने रिया से लगभग एक घंटे तक उसकी पढ़ाई और स्कूल के बारे में पूछताछ की तथा विज्ञान में उसे क्या आता है और क्या नहीं आता इसके बारे में जानकारी ली।
फिर अगले दिन मैंने उसे क्या पढ़ाना है उसके बारे में तैयारी करके आने के लिए कह कर घर भेज दिया।
उस दिन के बाद रिया रोजाना शाम सात बजे मेरे कमरे में आ जाती और मुझसे आठ बजे तक पढ़ती और फिर अपने घर चली जाती।पहले दस दिन तक तो वह उस एक घंटे में वह मुझ से बहुत ही संकोच से बात करती थी लेकिन आहिस्ता आहिस्ता उसका संकोच दूर हो गया और वह मुझ से खुल कर बात करने लगी।